आँगन में जब चाहे उगाइए टमाटर
टमाटर विश्व में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली सब्जी है. इसका पुराना वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलेंटम मिल है. वर्तमान समय में इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान कहते हैं. बहुत से लोग तो ऐसे हैं जो बिना टमाटर के खाना बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकते.
टमाटर गर्मी के मौसम की फ़सल है जो पाला नहीं सहन कर सकती है. 12 डिग्री से०ग्रे० से 26 डिग्री से०ग्रे० के तापमान के बीच इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है. रात का आदर्श तापमान 25 डिग्री से०ग्रे० से 20 डिग्री से०ग्रे० है. टमाटर की फ़सल पोषक तत्वों से युक्त दोमट मिट्टी में सबसे अच्छी होती है. लेकिन इसकी अगेती क़िस्मों के लिए बलुई तथा दोमट बलुई मिट्टी अधिक उपयुक्त है. इसके अलावा यदि जल निकास की व्यवस्था अच्छी हो तो इसे मटियार तथा तलहटी दोमट में भी उगाया जा सकता है.
लाईट : टमाटर उगाने के लिए बहुत अधिक रोशनी की जरूरत होती है. ठंड के समय सूरज की रोशनी टमाटर के लिए पर्याप्त नहीं होती है. टमाटर को बड़ी मात्रा में सूरज की रोशनी चाहिए, खासकर शुरुआती चरण में. ऐसे में सैप्लिंग पर हर दिन 10 से 12 घंटे कृत्रिम रोशनी दें. अगर पौधों को सही मात्रा में रोशनी मिलेगी तो इसका विकास तेजी से होगा. जब पौधा सैप्लिंग स्टेज में परिपक्व हो जाए तो इसे गार्डन के उस हिस्से में लगाएं जहां सूरज की सबसे ज्यादा रोशनी आती हो. अगर आप अपने ग्रीन हाउस में टमाटर उगा रहे हैं तो फिर आपको कृत्रिम रोशनी की जरूरत नहीं पड़ेगी.
गर्माहट : गर्म वातावरण में टमाटर अच्छे से उगता है. ठंड के दौरान मिट्टी ज्यादा गर्म नहीं रहती है. गर्मी प्रदान करने के लिए आप पौधे को इंसुलेटिंग पदार्थ से ढंक दें. ऐसा तैयारी के चरण में आवश्यक रूप से करना चाहिए. आप इंसुलेटर के तौर पर सामान्य प्लास्टिक सीट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे मिट्टी को अपनी गर्मी बरकरार रखने में मदद मिलेगी. इससे टमाटर का पौधा आसानी से बढ़ सकेगा.
गहराई में डालें बीज: जैसा कि पहले बताया गया कि टमाटर को उगने लिए गर्म वातावरण की जरूरत होती है. इसलिए सैप्लिंग को थोड़ी गहराई में करें. गहराई इतनी हो कि सिर्फ ऊपर की पत्तियां ही मिट्टी से बाहर आ सके. इसके जरिए आप ठंड स्वस्थ टमाटर उगा सकेंगे. यह तरीका अपनाने के दौरान सैप्लिंग को बहुत पास—पास न डालें. इससे पौधे के विकास में रुकावट आने का खतरा पैदा हो जाता है.
साभार : पल पल इंडिया