घर में उगाएं नीबू
विटामिन सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है. इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है. इसके रस में ५% साइट्रिक अम्ल होता है तथा जिसका pH २ से ३ तक होता है. किण्वन पद्धति के विकास के पहले नीबू ही साइट्रिक अम्ल का सर्वप्रमुख स्त्रोत था. साधारणतः नीबू के पौधे आकार में छोटे ही होते हैं पर कुछ प्रजातियाँ ६ मीटर तक लम्बी उग सकती हैं.
चूंकि इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है इसलिए गर्मियों के मौसम में इसका इस्तेमाल ज्यादा लाभकारी होता है. अगर नींबू इतना ही लाभकारी हैं तो क्यूं न इसे आप अपने घर में ही लगाएं.
नींबू का पेड़ किसी छोटे गमले में न लगाएं. किसी बड़े से बर्तन या नाद में मिट्टी भरें. बड़े बर्तन में पेड़ लगाने से उसके बढ़ने पर उसे रिप्लेस नहीं करना पड़ेगा. जो भी गमला हो, वह गहराई में कम से कम 7 इंच गहरा होना चाहिए. इससे पेड़ की ग्रोथ अच्छी होगी. नींबू के पेड़ के बीज बाजार में बिकते हैं, आप वहां से लेकर आएं और उसे लगा दें. यानि बीज को हल्का सी मिट्टी के अंदर दबा दें. ऊपर से थोड़ा सा पानी डाल दें.
बीज को बोने के बाद गमले को अगले दिन धूप दिखाएं. ऐसा हर दिन करें. ज्यादा कड़क धूप में न रखें, लेकिन धूप दिखाने से पौधा निकलने की प्रक्रिया होगी. इस प्रक्रिया में प्रतिदिन पौधे को 14 घंटे की धूप चाहिए ही होती है. नींबू के बीज से पौधा निकलने के लिए उच्च तापमान चाहिए होता है. गमले का गर्म स्थान पर ही रखें. मिट्टी को छुएं नहीं.
बीज से पौधा निकलने की शुरूआत कुछ ही दिनों में हो जाती है. ऐसे में आप उन्हे चाहें तो अलग-अलग गमलों में लगा दें. लेकिन ध्यान रहें कि जड़ न टूटने पाएं. नींबू के पौधे को अधिक पानी की आवश्यकता होती है. गमले की मिट्टी को सूखने न दें. सुबह-शाम दोनों समय बराबर पानी दें. हर दिन 8 घंटे की धूप भी मिलनी चाहिए.
नींबू के पेड़ को बढ़ाने के लिए बाजार में कई उर्वरक आते हैं, उन्हे डाल दें. लेकिन इससे भी अच्छा विकल्प यह है कि आप इसमें गोबर की खाद बनाकर डालें. प्राकृतिक खाद डालने से ज्यादा फायदा होता है.