Organic Farming

हरी खाद - मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढाने का एक सस्ता विकल्प

   मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाये रखने के लिए हरी खाद एक सस्ता विकल्प है । सही समय पर फलीदार पौधे की खड़ी फसल को मिट्टी में ट्रेक्टर से हल चला कर दबा देने से जो खाद बनती है उसको हरी खाद कहते हैं 

आदर्श हरी खाद में निम्नलिखित गुण 

• उगाने का न्यूनतम खर्च

•  न्यूनतम सिंचाई आवश्यकता

•   कम से कम पादम संरक्षण

•   कम समय में अधिक मात्रा में हरी खाद प्रदान कर सक

• विपरीत परिस्थितियों  में भी उगने की क्षमता हो

पर्यावरण के लिए बेहतरीन जैविक खेती

आज भारत में 5.38 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती हो रही है. उम्मीद है कि साल 2012 तक जैविक खेती का फसल क्षेत्र 20 लाख हैक्टेयर को पार कर जाएगा.

वर्ष 2003 में देश में सिर्फ 73 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती हो रही थी, जो 2007 में बढ़कर 2.27 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गई.

इस तरह जैविक उत्पाद का बाजार अगले पांच साल में 6.7 गुना बढ़ने की उम्मीद है. तब दुनिया के कुल जैविक उत्पाद में भारत की भागीदारी करीब 2.5 फीसदी की हो जाएगी.

हरित क्रांति

फरवरी माह के खेती के प्रमुख कार्य

बौने गेहूं में उर्वरक की आखरी मात्रा देकर सिंचाई करते हैं।
सूर्यमुखी के खेत से खर पतवारों को हटा कर मिट्टी चढ़ाई जाती है।
गन्ने के स्वस्थ बीज का चुनाव कर बीजोपचार किया जाता है।
बरसीम घास की कटाई 20 से 25 दिनों के अन्तर में की जाती है।
बरसीम, चटी के लिये मक्का, ज्वार, लोबिया और मक्का मिलाकर बोते हैं।
सरसों, अलसी को काट लिया जाता है, नहीं तो ज्यादा पक जायेगा और बीज छिटकने लगेंगे।
और लहसुन के खेतों में गुड़ाई करने के बाद मिट्टी चढ़ाते हैं।
आलू की खुदाई करते हैं। जाड़े के फूलों के बीज एकत्र करते हैं। गर्मियों के फलों के बीजों की बुवाई की जाती है।

धान-गेहूं की लगातार खेती बिगाड़ रही मिट्टी की सेहत

दोनों ही फसलें मिट्टी से एक ही जैसे सूक्ष्मतत्वों को ग्रहण करती हैं, लगातार इनकी खेती से मिट्टी में सूक्ष्म तत्वों की कमी हो जाती है।

क्या है जैविक खेती

वर्मी कंपोस्ट : वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद का ही एक रूप है. इसे बनाने के लिए दस बाई तीन फीट आकार का एक प्लेटफार्म किसी पेड़ या छायादार जगह के नीचे बनाया जाता है. प्लेटफार्म को ज़मीन की सतह से ऊंचा रखा जाता है. प्लेटफार्म को डेढ़ फीट ऊंचा करके जालीनुमा बना दिया जाता है. पक्के प्लेटफार्म की सतह पर एक-डेढ़ इंच मोटी मिट्टी की परत डाल दी जाती है. मिट्टी की परत के बाद छह इंच मोटी हरी एवं सूखी घास या फूस की परत चढ़ाई जाती है. गोबर की छह इंच मोटी परत के बाद हल्की मिट्टी छिड़क दी जाती है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक़, एक क्यूबिक मीटर में पांच सौ केचुए छोड़ने चाहिए.

जैविक खेती के लाभ

स्वस्थ भोजन :- 

यु.एस.ए. में जैविक और पारंपरिक खाने के पौष्टिक तत्त्व पर एक अध्यन के अनुसार, पूर्व ज्यादा स्वस्थ जनक है! सेब, नाशपती,आलू, मक्का, गेहू, और शिशु के खाने का विश्लेषण किया गया जिससे बेकार तत्त्व जैसे ऐल्यमिनीअम, कैड्मीअम,  लेड, और मर्क्यरी, और अच्छे तत्त्व जैसे बोरॉन, कैल्सियम, आयरन  और ज़िंक का पता लगाया गया. जैविक खाने मे २०% प्रतिशत कम बेकार तत्त्व और लगभग १००% प्रतिशत ज्यादा अच्छे तत्त्व होते है!

मिट्टी की गुणवत्ता मे सुधार:-

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