Organic Farming
दलहन फसल के साथ मिश्रित खेती
Submitted by Aksh on 14 May, 2015 - 23:11दलहनी फसलें जहां मानव जीवन के लिए प्रोटीन का काम करती है, वहीं उनकी जड़ों में फ़िक्स नाइट्रोजन मृदा उर्वरता को बढ़ाता है व सुखाड़ की स्थिति में भी ये फसलें कुछ बेहतर उपज दे जाती हैं। परिचय दलहनी फसलें एक तरफ जहां मानव स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन का काम करती हैं, वहीं उनकी जड़ों में बने राइजोबियम गांठ में नाइट्रोजन फिक्स रहता है, जिस कारण भूमि की उर्वरता भी बढ़ती है, खाद की आवश्यकता कम होती है और इस प्रकार खेती की लागत कम होती है। बुंदेलखंड के अंतर्गत आने वाले सभी जनपदों में ज्यादातर जमीनें ऊंची-नीची, असमतल होने की वजह से यहां पर खरीफ की फसल को ही प्रमुखता दी जाती है। इसलिए यह क्षेत्र दलहनी फसल
करेले एक लाभकारी उत्पादन
Submitted by Aksh on 13 May, 2015 - 23:29सब्जी फसलों में बेल वाली सब्जियों का सबसे बड़ा परिवार है। बेल वाली सब्जियों में करेले का महत्वपूर्ण स्थान है। करेला केवल सब्जी मात्र के लिए नहीं बल्कि आजकल इसका औषधियों में भी काफी प्रयोग है। इसलिए इसका संकर बीज उत्पादन करना और भी लाभदायक हो गया है।
मध्यम एवं बड़े वर्ग के किसान खासकर युवा एवं महिला किसान सब्जियों का बीज उत्पादन/संकर बीज उत्पादन एक व्यवसाय के रूप में अपनाकर उद्यमी बन सकते हैं और कृषि आय में वृद्वि कर सकते है जिससे संकर बीजों की स्थानीय उपल्बधित्ता में सुधार, कम मूल्य पर किसानों को संकर बीजों की उपलब्धि है सकती है।
जहर का कहर खेत से पहुंच रहा पेट तक
Submitted by Aksh on 13 May, 2015 - 23:24बेलवाली सब्जियों की अगेती खेती
Submitted by Aksh on 13 May, 2015 - 23:07बेलवाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, तरबूज,खरबूजा, पेठा, खीरा, टिण्डा, करेला आदि की खेती मैदानी भागो में गर्मी के मौसम में मार्च से लेकर जून तक की जाती है. इन सब्जियों की अगेती खेती जो अधिक आमदनी देती है, करने के लिए पॉली हाउस तकनीक में जाड़े के मौसम में इन सब्जियों की नसर्री तैयार करके की जा सकती है. पहले इन सब्जियों की पौध तैयार की जाती है तथा फिर मुख्य खेत में जड़ो को बिना क्षति पहुँचाये रोपण किया जाता है. इन सब्जियों की पौध तैयार करने से अनेक लाभ हैं जो इस प्रकार हैं.
एक से डेढ़ माह अगेती फसल ली जा सकती है.
आम के आम - गुठलियों के दाम
Submitted by Aksh on 13 May, 2015 - 00:10कम खर्च में- अधिक लाभ कैसे कमा यें?
आज भारत ने अनाज उत्पादन के क्षेत्र में अधिक उपज देने वाली किस्मों की मदद से, आत्म निर्भरता हासिल कर ली है। लेकिन कुछ प्रमुख समस्याएं भी पैदा हुई हैं। उदाहरण के लिये धान और गेहूं की फसलों की निरंतर बुवाई करने से कई खरपतवार पनपने का अवसर मिलता है। जल्दी-2 सिंचाई करने से मिट्टी में रोग और सूक्ष्म जीव बढ़ने का अवसर मिलता है। जिसके द्वारा मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।
हल्दी की खेती के बारे में पूछे जाने बाले प्रमुख प्रश्न
Submitted by Aksh on 12 May, 2015 - 23:17काश्त पद्धति से हल्दी की उन्नत खेती
Submitted by Aksh on 12 May, 2015 - 18:20हल्दी एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है जिसका उपयोग औषधि से लेकर अनेकों कार्यो में किया जाता है। इसके गुणों का जितना भी बखान किया जाए थोड़ा ही है, क्योंकि यह फसल गुणों से परिपूर्ण है इसकी खेती आसानी से की जा सकती है तथा कम लागत तकनीक को अपनाकर इसे आमदनी का एक अच्छा साधन बनाया जा सकता है। यदि किसान भाई इसकी खेती ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहते तो कम से कम इतना अवश्य करें जिसका उनकी प्रति दिन की हल्दी की मांग को पूरा किया जा सकें। निम्नलिखित शास्त्र वैज्ञानिक पद्धतियों को अपना कर हल्दी की खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है।
भूमि का चुनाव:-
लीची की उन्नत खेती
Submitted by Aksh on 11 May, 2015 - 22:53उपोष्ण फलों में लीची का विशेष महत्व है। यह देर से तैयार होने वाला फल है। लीची देखने में बडी आकर्षक व सुन्दर होती है तथा इसका पौधा धीरे-धीरे बढ़ता है। लीची के बाग को स्थापित करने में काफी समय लगता है तथा इसका फल काफी स्वादिष्ट होता है, परन्तु इसकी बागवानी देश के कुछ ही भागों तक सीमित है तथा निर्यात के मामले में लीची का बड़ा योगदान है।
कैसे उगाएॅं: हल्दी
Submitted by Aksh on 11 May, 2015 - 22:44हल्दी जिंजिवरेंसी कुल का पौधा हैं। इसका का वानस्पतिक नाम कुर्कमा लांगा हैं। इसकी उत्पत्ति दक्षिण पूर्व एशिया में हुई हैं। हल्दी का उपयोग प्राचीनकाल से विभिन्न रूपों में किया जाता आ रहा हैं, क्योंकि इसमें रंग महक एवं औषधीय गुण पाये जाते हैं। हल्दी में जैव संरक्षण एवं जैव विनाश दोनों ही गुण विद्यमान हैं, क्योंकि यह तंतुओं की सुरक्षा एवं जीवाणु (वैक्टीरिया) को मारता है। इसका उपयोग औषधीय रूप में होने के साथ-साथ समाज में सभी शुभकार्यों में इसका उपयोग बहुत प्राचीनकाल से हो रहा है। वर्तमान समय में प्रसाधन के सर्वोत्तम उत्पाद हल्दी से ही बनाये जा रहे हैं। हल्दी में कुर्कमिन पाया जाता हैं तथा इससे ए